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Showing posts from September, 2024
हरतालिका तीज का व्रत हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा व्रत माना जाता हैं। यह तीज का त्यौहार भाद्रपद मास शुक्ल की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। खासतौर पर महिलाओं द्वारा यह त्यौहार मनाया जाता हैं। कम उम्र की लड़कियों के लिए भी यह हरतालिका का व्रत श्रेष्ठ समझा गया हैं। विधि-विधान से हरितालिका तीज का व्रत करने से जहाँ कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, वहीं विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है। हरतालिका तीज में भगवान शिव, माता गौरी एवम गणेश जी की पूजा का महत्व हैं। यह व्रत निराहार एवं निर्जला किया जाता हैं। शिव जैसा पति पाने के लिए कुँवारी कन्या इस व्रत को विधि विधान से करती हैं। महिलाओं   में   संकल्प   शक्ति   बढाता   है   हरितालिका   तीज   का   व्रत हरितालिका तीज का व्रत महिला प्रधान है।इस दिन महिलायें बिना कुछ खायें -पिये व्रत रखती है।यह व्रत संकल्प शक्ती का एक अनुपम उदाहरण है। संकल्प अर्थात किसी कर्म के लिये मन मे निश्चित करना कर्म का मूल संकल्प है।इस प्रकार संकल्प हमारी अन्तरीक शक्तियोंका सामोहिक निश्चय है।इसका अर्थ है-व्रत संकल...

Baba baidyanath hum aail chi bhikariya

  बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी भिखरिया अहाँ के दुअरिया ना अइलों बड़ बड़ आस लगायल होहियो हमरा पर सहाय एक बेरी फेरी दियौ गरीब पर नजरिया, अहाँ के दुअरिआ ना। १। हम बाघम्बर झारी ओछायब डोरी डमरू के सरियाएब कखनो झारी बुहराब बसहा के डगरिया, अहाँ के दुअरिया ना। २। कार्तिक गणपति गोद खेलायब कोरा कान्हा पे चढ़ायब गौरा-पारबती से करबेन अरजिया, अहाँ के दुअरिया ना। ३। हम गंगाजल भरी भरी लायब, बाबा बैजू के चढ़ायब बेलपत चन्दन चढ़ायब फूल केसरिया, अहाँ के दुअरिया ना।४। कतेक अधम के अहाँ तारलों, कतेक पतित के उबारलों बाबा एक बेर फेरी दियौ हमरो पर नजरिया, अहाँ के दुअरिया ना।५। काशीनाथ नचारी गवैया माता पारवती के सुनवइया, बाबा एक बेर फेरी दियौ हमरो पर नजरिया, अहाँ के दुअरिया ना।६। बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी भिखरिया अहाँ के दुअरिया ना